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भाजपा ने पूर्व का उदाहरण देते हुए मंत्रिमंडल से तेजस्वी की बर्खास्तगी की मांग की

बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि पूर्व के उदाहरणों के मद्देनजर उन्हें मुख्यमंत्री की कार्रवाई का इंतजार है.





पटना: भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने पूर्व में मंत्रियों का इस्तीफा लिए जाने का उदाहरण पेश करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भ्रष्टाचार के मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का इस्तीफा लिए जाने की मांग की है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने से 'बेनामी संपत्ति' को लेकर लगातार आरोप लगा रहे सुशील ने पटना में पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद को उनपर और उनके परिवार पर स्वयं द्वारा लगाए गए आरोप का बिंदुवार जवाब देने की भी चुनौती दी. बिहार में राजग शासनकाल के दौरान नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील ने नीतीश को चार मंत्रिमंडल सदस्यों जीतन राम मांझी, रामानंद सिंह, अवधेश कुशवाहा और रामाधार सिंह पर लगे भिन्न आपराधिक आरोपों के कारण अलग अलग समय लिए गए इस्तीफे का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कभी कहा था कि वे किसी भी 'दागी' को मंत्रिमंडल में बर्दाश्त नहीं करेंगे.

तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई द्वारा शुक्रवार को की गयी छापेमारी पर नीतीश की चुप्पी पर प्रश्न उठाते हुए सुशील ने भ्रष्टाचार और राजनीतिक मामलों में जनता के समक्ष उदाहरण पेश करने संबंधी उनके बयान की भी याद दिलाते हुए कहा कि सीबीआई द्वारा की गयी छापेमारी ने राज्य के बारे में 'नाकारात्मक छवि' पेश की है और उम्मीद है कि नीतीश कुमार तेजस्वी के खिलाफ कार्वाई करेंगे.. यह उनकी अग्नि परीक्षा है.

बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि पूर्व के उदाहरणों के मद्देनजर उन्हें मुख्यमंत्री की कार्रवाई का इंतजार है. उन्होंने लालू और उनके परिवार के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने के दौरान 'बेनामी संपत्ति' को स्वयं द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर नीतीश और उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं की चुप्पी पर प्रश्न उठाते हुए उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी 'बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने' की उनकी सरकार की नीति की याद दिलायी. लालू के उनके खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा की गयी इन कार्रवाइयों को 'राजनीतिक बदले की नीयत से की गयी कार्वाई की संज्ञा' दिए जाने के बारे में सुशील ने कहा कि इससे काम नहीं चलेगा बल्कि उन्हें आरोप के मेरिट के बारे में जवाब देना चाहिए.

उन्होंने भूखंड के बदले रांची और पुरी स्थित आईआरसीटीसी के दो होटलों का लाइसेंस निर्गत किए जाने के मामले में राजद प्रमुख के अपने छोटे पुत्र और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बचाव में यह कहे जाने कि उस समय वे किशोर थे, दरकिनार करते हुए कहा कि 2014 में डिलाइट कंपनी के निदेशक बनाए जाने तथा उक्त कंपनी का शेयर उन्हें हस्तांतरित किए जाने के समय भी क्या वे किशोर थे.

लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ पिछले डेढ़ महीने से 'बेनामी संपत्ति' को लेकर लगातार आरोप लगाए जाने के मद्देनजर उनको जान के खतरे से जुड़े एक प्रश्न पर सुशील ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की सुरक्षा की आवश्यक्ता नहीं. मैं भगवान भरोसे हूं. आज की तुलना में 1996 में माहौल सौ गुना खराब था जब वे लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाला मामले में लड़े थे. सुशील ने शुक्रवार को सीबीआई की छापेमारी को कवर करने गए मीडियाकर्मियों पर लालू के आवास पर 'राजद समर्थकों' द्वारा किए गए हमले की निंदा करते हुए राज्य सरकार से ऐसे तत्वों के खिलाफ कठोर कार्वाई किए जाने की भी मांग की.