नई दिल्ली: सऊदी अरब की सबसे पुरानी मस्जिद की तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रही है। इस पिक्चर को लाखों लोग शेयर कर चुके हैं। दरअसल इस तस्वीर की हकीकत कुछ चौंकाने वाली है, जिसकी वजह से इसे वायरल किया जा रहा है। पुनीत शर्मा नाम के एक शख्स ने यह दावा किया है कि अरब की इमारत यहां की सबसे पुरानी मस्जिद है। पुनीत ने इसका नाम रासा मस्जिद बताया है।
अरब की सबसे पुरानी मस्जिद
पुनीत ने बीती दो फ़रवरी को सबसे पहले यह तस्वीर शेयर की थी। इसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने इसे अलग-अलग शेयर किया है। दरअसल इस मस्जिद के ऊपर भगवान शिव और नंदी की झलक साफ दिखती है। इसके बाद से ही यह तस्वीर सोशल साईट पर वायरल होना शुरू हुई। पुनीत ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा रासा सऊदी अरब में सबसे पुरानी मस्जिद है। इस तस्वीर को ज़ूम करिए और देखिए, आप शिवलिं* और नंदी जी को देख सकते हैं।
पुनीत के अलावा कुछ और भी पोस्ट हैं जो यही दावा करती नज़र आ रही हैं। फ़ेसबुक और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी यह तस्वीर वायरल की जा रही है। हिंदू न्यूज़ पत्र नाम की प्रोफ़ाइल ने भी इस तस्वीर को पुनीत के कैप्शन के साथ शेयर किया है। यहां से इसे 1600 से भी ज़्यादा बार शेयर किया गया है।
क्या है सच्चाई?
पुनीत शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फ़ॉलो करते हैं। ये तो था सोशल मीडिया का एक सच अब आपको इस तस्वीर की हकीकत से रूबरू कराते हैं। दरअसल इस तस्वीर का सच यह है कि न तो पुनीत की शेयर की गई इस तस्वीर का अरब से कोई नाता है और न ही उनकी पोस्ट में दी गई जानकारी में कोई सच्चाई।
पुनीत ने जिस रासा मस्जिद का जिक्र अपनी पोस्ट में किया है, वह अरब की सबसे पुरानी मस्जिद नहीं है। दूसरा यह कि पुरानी तो छोड़िए, रासा नाम की कोई मस्जिद सऊदी अरब में है ही नहीं। जिन मस्जिदों को यहां सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक माना जाता है वे हैं मस्जिद-ए-हरम और मस्जिद-ए-क़ुबा।