नोटबंदी के बाद से देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं और साथ ही लोगो को जागरूक बनाने का कार्य भी हो रहा है।
ऑनलाइन पेमेंट्स आवर लेनदेन से सम्बंधित बनी समिति ने बैंकों से 50,000 रुपए और इससे अधिक नकद निकासी पर बैंकिंग कैश ट्रांजेक्शन टैक्स (बीसीटीटी) लगाने की सिफारिश क्र रही है। समिति का यह भी सुझाव है की आयकर के दायरे में आने वालों और छोटे दुकानदारों को स्मार्टफोन खरीदने पर 1,000 रुपए सब्सिडी मिलना चाहिए।
समिति का यह भी कहना है की पीओएस मशीन से भुगतान पर लगने वाला मर्चेंट डिसकाउंट रेट ख़त्म होना चाहिए। आंध्रप्रदेश के सीएम नायडू इस समिति का नेतृत्व कर रहे है। समिति ने अपने रिपोर्ट में इन सुझाव का जिक्र किया है।
ऐसी उम्मीद की जा रही है की सरकार की तरफ से नए बजट के साथ ही डिजिटल पेमेंट्स के लिए भी कई स्कीम्स व छूट की भी घोषणा की जा सकती है।
समिति ने इस बात पर भी पूरा जोर दिया है ही डिजिटल लेन-देन पूर्णतः सुरक्षित होना चाहिए। ये रिपोर्ट आरबीआई को भेजी जानी है क्योकि कई मामलो में निर्णय आरबीआई ही ले सकती है।
इनके अलावा समिति द्वारा दी गयी अन्य सिफारिशों के अनुसार सालाना आय से निर्धारित राशि लेनदेन डिजिटल माध्यम से करने पर टैक्स में छूट मिलना चाहिए। अगर कोई 'आधार' आधारित भुगतान के लिए बायोमेट्रिक मशीन की खरीद करना चाहता है तो दुकानदारों को 50% सब्सिडी मिलनी चाहिए। ऑनलाइन पेमेंट लेने वाले दुकानदारो से पिछले वर्षों के बारे में कोई पूछताछ नही होनी चाहिए। इनके अलावा सिटीज में बसों आदि में भुगतान, को-ऑपरेटिव बैंको को डिजिटल लेनदेन से जोड़ने, क्यूआर कोड आधारित पेमेंट को बढ़ावा देने, पोस्ट ऑफिस में एटीएम लगाने आदि शुझाव भी शामिल हैं।